Shodashi No Further a Mystery
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The mantra seeks the blessings of Tripura Sundari to manifest and fulfill all wished-for results and aspirations. It's thought to invoke the merged energies of Mahalakshmi, Lakshmi, and Kali, with the last word purpose of attaining abundance, prosperity, and fulfillment in all aspects of lifestyle.
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।
Essentially the most revered among the these may be the 'Shodashi Mantra', which happens to be stated to grant both equally worldly pleasures and spiritual liberation.
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
The Mantra, On the flip side, is actually a sonic illustration from the Goddess, encapsulating her essence by means of sacred syllables. Reciting her Mantra is considered to invoke her divine presence and bestow blessings.
देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया more info शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः
कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
Celebrations like Lalita Jayanti emphasize her significance, where rituals and offerings are made in her honor. The goddess's grace is considered to cleanse previous sins and direct 1 in direction of the final word goal of Moksha.
साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥